
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 फरवरी को उत्तराखंड में आयोजित होने वाली विंटर यात्रा के उद्घाटन के लिए गंगोत्री मुखबा का दौरा करेंगे। इस ऐतिहासिक यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी जनक्ताल ट्रेक की नींव रखने जा रहे हैं, जो विश्व की दूसरी सबसे ऊँची ट्रेकिंग रूट बनने की दिशा में अग्रसर है।
उत्तराखंड, अपनी प्राकृतिक सुंदरता और पर्वतीय परिदृश्यों के लिए प्रसिद्ध है। विंटर यात्रा का यह आयोजन क्षेत्र में सर्दियों के पर्यटन को बढ़ावा देने के एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है। जनक्ताल ट्रेक, जो आने वाले समय में विश्व स्तर पर प्रसिद्ध होने जा रहा है, उत्तराखंड के पर्यटन मानचित्र पर नई पहचान बनाने में सहायक सिद्ध होगा।
जनक्ताल ट्रेक, जिसका नींव रखने का कार्य प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किया जाएगा, दुनिया की दूसरी सबसे ऊँची ट्रेकिंग रूट बनने जा रहा है। इस ट्रेकिंग रूट के माध्यम से, पर्यटक न केवल प्राकृतिक दृश्यों का आनंद उठा सकेंगे बल्कि ऊँचे पर्वतीय इलाकों की अद्भुत छटा और सांस्कृतिक धरोहर का भी अनुभव कर सकेंगे। यह ट्रेकिंग रूट पर्यटकों के लिए चुनौतीपूर्ण होने के साथ-साथ, साहसिक गतिविधियों में रुचि रखने वालों के लिए आकर्षण का केंद्र भी बनेगा।
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा उत्तराखंड में विंटर पर्यटन को नई ऊँचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। क्षेत्र में सर्दियों के मौसम में भी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई पहलें शुरू की हैं। इस पहल से न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है, बल्कि पर्यटकों को नए, रोमांचक अनुभव प्रदान करने का भी लक्ष्य रखा गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बयान में कहा, “उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक धरोहर को विश्व के सामने लाने के लिए हमें हर संभव प्रयास करना चाहिए। जनक्ताल ट्रेक का उद्घाटन इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे हमारे देश में विंटर पर्यटन को एक नई पहचान मिलेगी।”
इस आयोजन के साथ, राज्य सरकार और केंद्रीय एजेंसियाँ उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अन्य योजनाओं पर भी काम कर रही हैं। यह पहल क्षेत्र में विदेशी निवेश को भी आकर्षित करने में मदद करेगी और स्थानीय समुदाय के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह यात्रा और जनक्ताल ट्रेक की नींव रखने की पहल उत्तराखंड में विंटर पर्यटन के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव का संकेत देती है। इस आयोजन से न केवल पर्यटकों को रोमांचक अनुभव प्राप्त होंगे, बल्कि क्षेत्र की प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहर को भी विश्व स्तर पर सराहा जाएगा।