केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने चीनी स्टार्टअप डीपसीक की तारीफ की
भारत का एआई मिशन: 1.25 अरब डॉलर का बड़ा निवेश

केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने चीनी स्टार्टअप डीपसीक (DeepSeek) की कम लागत वाली एआई असिस्टेंट तकनीक की सराहना की है। उन्होंने इसे एआई क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाला कदम बताया और इसकी तुलना भारत सरकार के स्थानीय एआई मॉडल विकसित करने के प्रयासों से की।
डीपसीक ने अपने सस्ते और उपयोगी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस असिस्टेंट के जरिए एआई सेक्टर में हलचल मचा दी है। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस प्रकार की तकनीकी नवाचार भारतीय एआई मिशन के दृष्टिकोण के साथ मेल खाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कम लागत और व्यावहारिक समाधान वाले एआई मॉडल भारत के विकास में सहायक हो सकते हैं।
भारत सरकार ने इस वर्ष मार्च में अपने महत्वाकांक्षी “इंडिया एआई मिशन” के तहत 1.25 अरब डॉलर के निवेश की घोषणा की थी। इस मिशन के तहत देश में एआई स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने, एआई इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने और स्थानीय एआई मॉडल तैयार करने के लिए फंडिंग की जाएगी।
मंत्री ने कहा कि भारत का उद्देश्य एक स्थानीय और किफायती एआई मॉडल बनाना है, जो न केवल भारतीय भाषाओं और स्थानीय संदर्भों को समझ सके, बल्कि समाज के हर वर्ग के लिए सुलभ भी हो। यह एआई मॉडल शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और अन्य क्षेत्रों में व्यापक परिवर्तन ला सकता है।डीपसीक जैसे स्टार्टअप्स ने यह दिखाया है कि सीमित संसाधनों के साथ भी विश्व स्तरीय तकनीक बनाई जा सकती है। भारत सरकार भी इसी दृष्टिकोण को अपनाकर “मेक इन इंडिया” के तहत स्वदेशी तकनीकों को विकसित करने पर जोर दे रही है।
सरकार का मानना है कि एआई स्टार्टअप्स भारतीय अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान दे सकते हैं। एआई इन्फ्रास्ट्रक्चर और शोध में निवेश से न केवल नई नौकरियां पैदा होंगी, बल्कि भारत तकनीकी नेतृत्व के क्षेत्र में भी एक मजबूत स्थान हासिल करेगा।डीपसीक की सफलता यह साबित करती है कि एआई तकनीक में प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है। भारत सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि भारत को इस दौड़ में पीछे नहीं रहना चाहिए और इसलिए सरकार द्वारा एआई रिसर्च और स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
डीपसीक जैसे स्टार्टअप्स से प्रेरणा लेते हुए भारत का उद्देश्य एक ऐसी तकनीक विकसित करना है, जो सस्ती, प्रभावी और समाज की जरूरतों के अनुकूल हो। इंडिया एआई मिशन के तहत सरकार का यह प्रयास है कि देश में तकनीकी नवाचार को बढ़ावा मिले और भारत एआई के क्षेत्र में विश्व मंच पर अपनी जगह मजबूत करे।