मेक इन इंडिया को बढ़ावा देकर पीएम मोदी ‘सही काम’ कर रहे हैं: पुतिन
नई दिल्ली में हाल ही में संपन्न हुए जी20 शिखर सम्मेलन में भले ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत यात्रा पर नहीं आए हों, लेकिन वो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की कूटनीतियों के बेहद कायल हैं. मौका मिलने पर वो पीएम मोदी की नीतियों की तारीफ करने में नहीं चूकते हैं. ताजा मामला मंगलवार को रूसी बंदरगाह शहर व्लादिवोस्तोक का है, जहां मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian president Vladimir Putin) ने एक बार फिर से पीएम मोदी (PM Modi) की प्रशंसा की है और उनके ‘मेक इन इंडिया‘ की दिशा में किए जा रहे कार्यक्रमों की जमकर सराहना की है.
राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि पीएम मोदी ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम को बढ़ावा देने में ‘सही काम’ कर रहे हैं. रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने 8वें ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम (EEF) में शिरकत की थी जहां रूसी निर्मित कारों पर मीडिया के एक सवाल के जवाब में यह टिप्पणी की गई. पुतिन ने कहा कि घरेलू स्तर पर निर्मित ऑटोमोबाइल का उपयोग किया जाना चाहिए और भारत पहले ही पीएम मोदी के नेतृत्व में अपनी नीतियों के माध्यम से उदाहरण स्थापित कर चुका है.
फोरम को संबोधित करते हुए पुतिन ने यह भी कहा कि आप जानते हैं, हमारे पास तब घरेलू स्तर पर निर्मित कारें नहीं थीं, लेकिन अब हमारे पास हैं. यह सच है कि वे मर्सिडीज या ऑडी कारों की तुलना में अधिक मामूली दिखती हैं, जिन्हें हमने 1990 के दशक में भारी मात्रा में खरीदा था, लेकिन यह कोई मुद्दा नहीं है. उन्होंने भारत का उदाहरण देते हुए यह भी कहा कि मुझे लगता है कि हमें अपने कई साझेदारों का अनुकरण करना चाहिए. वे भारत में निर्मित वाहनों के निर्माण और उपयोग पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. मुझे लगता है कि प्रधान मंत्री मोदी मेक इन इंडिया कार्यक्रम को बढ़ावा देने में सही काम कर रहे हैं. वह सही हैं.
क्रेमलिन की वेबसाइट पर पोस्ट किए गए पूर्ण सत्र की ट्रांसक्रिप्ट के मुताबिक व्लादिवोस्तोक में पुतिन ने कहा कि रूस निर्मित ऑटोमोबाइल का उपयोग करना बिल्कुल सही है. उन्होंने कहा कि हमारे पास (रूसी निर्मित) ऑटोमोबाइल हैं, और हमें उनका उपयोग करना चाहिए; यह बिल्कुल सही. इससे हमारे डब्ल्यूटीओ दायित्वों का भी कोई उल्लंघन नहीं होगा, बिल्कुल नहीं. यह राज्य की खरीद से संबंधित होगा. हमें इसके बारे में एक निश्चित श्रृंखला बनानी चाहिए कि विभिन्न वर्गों के अधिकारी कौन सी कार चला सकते हैं, ताकि वे घरेलू स्तर पर निर्मित कारों का उपयोग कर सकेंगे.
उन्होंने कहा कि आप शायद इन कारों को खरीदना जारी रखने के प्रस्तावों के बारे में जानते हैं. ऐसा करना आसान होगा, क्योंकि लॉजिस्टिक्स सुव्यवस्थित है.
इतना ही नहीं, बल्कि रूसी राष्ट्रपति ने यह भी विस्तार से बताया कि कैसे उन्हें भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईसी) में ऐसा कुछ भी नहीं दिखता जो रूस के लिए बाधा बन सके और उनके अनुसार इस परियोजना से रूस को लाभ होगा. इस तरह की टिप्पणी सीधे-सीधे तौर पर रूस की आईएमईसी प्रस्ताव को लेकर सहमति को दर्शाती है.
रूसी समाचार एजेंसी TASS के मुताबिक पुतिन ने ईईएफ में बोलते हुए यह भी कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका एक नए आर्थिक गलियारे के निर्माण पर यूरोपीय संघ, सऊदी अरब और भारत के साथ सहमत होकर ‘आखिरी कार’ में कूद गया, लेकिन यह परियोजना रूस के लाभ के लिए है.
रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि आईएमईसी उनके देश को लॉजिस्टिक्स विकसित करने में मदद करेगा. उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रोजेक्ट को लेकर कई सालों से चर्चा भी चल रही थी. उनकी टिप्पणी भारत, अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, फ्रांस, जर्मनी, इटली और यूरोपीय संघ द्वारा शनिवार को नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा की स्थापना के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने के बाद आई है.
फ़ोरम में बोलते हुए पुतिन ने कहा कि मेरा मानना है कि इससे हमें फ़ायदा ही होगा. मेरा मानना है कि इससे हमें लॉजिस्टिक्स विकसित करने में ही मदद मिलेगी. गौरतलब है कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की अध्यक्षता में नई दिल्ली में हुए जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर इस महत्वाकांक्षी परियोजना की घोषणा की थी. यह भारत ने संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, यूरोपीय संघ, फ्रांस, इटली, जर्मनी और अमेरिका को शामिल करते हुए कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे पर सहयोग पर अपनी तरह की पहली पहल है. भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, सऊदी अरब और यूरोपीय संघ ने गत शनिवार (9 सितंबर) को जल्द ही एक मेगा भारत-मध्य पूर्व-यूरोप शिपिंग और रेलवे कनेक्टिविटी कॉरिडोर शुरू करने के लिए एक ऐतिहासिक समझौते की घोषणा की थी.