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चुनाव परिणामों में किसी को स्पष्ट बहुमत नहीं, बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी

लोकसभा चुनावों के लिए जारी गिनती शाम होते-होते मुक्कमल होने को है। दिन भर तमाम पार्टियाँ अपनी-अपनी जीत की दावेदारी करती रही लेकिन शाम होते होते स्तिथि लगभग साफ़ हो गयी। जनता ने किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं दिया हालाँकि बीजेपी लगभग 240 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी  है तो वही कांग्रेस भी 100 के आकड़े को छूने में कामयाब रही। चुनाव परिणामों ने तमाम एग्जिट पोल्स को गलत साबित कर दिया। एग्जिट पोल्स में जहाँ बीजेपी और गठबंधन को एकतरफा जीतते हुए दिखाया जा रहा था  तो वही विपक्षी गठबंधन को भी कमतर आँका जा रहा था। पर आज के परिणामों ने तमाम अनुमानों पर विराम लगते हुए जनता का फैसला सबके सामने रख दिया.

सबसे अधिक चौकाने वाले नतीजे उत्तर प्रदेश में देखने को मिले जहाँ समाजवादी पार्टी 35 सीटों पर जीत दर्ज करती हुई दिखाई दे रही है तो वही कांग्रेस भी 7 सीटों पर बढ़त हासिल है।  उत्तर प्रदेश बीजेपी के लिए सबसे बड़ा झटका है जहाँ पार्टी को अपने पिछले प्रदर्शन से लगभग आधी ही सीटों पर कामयाबी हासिल हुई। उत्तर प्रदेश के अलावा राजस्थान में वसुंधरा राजे को नजरअंदाज करना पार्टी को भरी पड़ गया और राजस्थान में 2019 के 25  सीटों के मुकाबले बीजेपी को  सिर्फ 14 सीटों पर बढ़त मिली। बंगाल में ममता बनर्जी ने बीजेपी के साथ खेला कर दिया और अकेले अपने दम पर 29 सीटों पर TMC को कामयाबी दिलाने में कामयाब रही।  हरियाणा, महाराष्ट्र और पंजाब से I.N.D.I.A गठबंधन के लिए सुखद परिणाम देखने को मिल रहे है.

बीजेपी के लिए मध्यप्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा से उत्साहजनक नतीजे देखने को मिल रहे है मध्यप्रदेश में बीजेपी क्लीनस्वीप करने में कामयाब रही।  पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 7 लाख से अधिक के मार्जिन से विजयी रहे तो वही केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी बड़े मार्जिन से चुनाव में विजयी रहे।  गुजरात में बीजेपी जहाँ 25 सीटों के साथ लगभग क्लीनस्वीप कर रही है तो वहीं ओडिसा में बीजू जनता दल का सफाया करते हुए न केवल लोकसभा सीटों को बल्कि अधिकतर विधानसभा सीटों को जितने में बीजेपी कामयाब रही।  छत्तीसगढ़ में बीजेपी 10 सीटों पर कमल खिलने में कामयाब रही.

बीजेपी को सबसे बड़ी चुनौती बंगाल में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस और उत्तर प्रदेश में सपा और कांग्रेस के गठबंधन से मिली। बीजेपी और पूर्ण बहुमत के बीच यूपी और बंगाल आकर खड़े हो गए और तीसरी बार बीजेपी को अकेले दम पर पूर्ण बहुमत हासिल करने से रोकने में कामयाब रही।  दोनों ही राज्यों के सामाजिक समीकरण ने बीजेपी के विजयी अभियान पर रोक लगाने में अहम् भूमिका निभाई.

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