यूपी-बंगाल ने रोका बीजेपी का विजयरथ, ओडिसा, मध्य प्रदेश और गुजरात में खूब खिला कमल
यूपी, बंगाल के सामाजिक समीकरणों ने बीजेपी के विजयरथ को तीसरी बार पूर्ण बहुमत से दूर रखा। चुनाव परिणाम एग्जिट पोल्स से उलट रहे। तमाम एग्जिट पोल्स में बीजेपी को एकतरफा जीतते हुए दिखाया गया था पर आज परिणाम वैसे नहीं रहे। परिणाम में खंडित जनादेश मिला है जनादेश में किसी भी एक दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला। बीजेपी और पूर्ण बहुमत के बीच समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस आकर खड़ी हो गयी और बीजेपी को लगभग 240 के आकड़े पर रोकने में सफल रही। यूपी में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के गठजोड़ ने INDIA गठबंधन की झोली में लगभग 45 सीटें डाल दी तो वही बंगाल में ममता बनर्जी ने अकेले बीजेपी के विजयरथ को 12 सीटों पर रोक दिया जबकि 2019 के चुनावों में बीजेपी अकेले बंगाल में 18 सीट जितने में सफल रही थी, इस बार भी बीजेपी को बंगाल से बड़ी उम्मीद थी पर परिणाम वैसे नहीं रहे.
ओडिसा में लोकसभा के साथ-साथ इस बार विधानसभा चुनाव भी हुए और बीजेपी इस तटीय राज्य में शानदार विजयी हासिल करने में सफल रही। दशकों से ओडिसा की सत्ता पर काबिज़ बीजू जनता दल इस बार बुरी तरह चुनाव में पिछड़ गयी और भारतीय जनता पार्टी इस राज्य में विधानसभा की 78 सीटों को जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बन गयी और इसके साथ ही राज्य की 21 लोकसभा सीटों में से 19 सीट जितने में भी सफल रही। चुनाव परिणामों के साथ ही ओडिसा की सत्ता पर दशकों से काबिज नवीन पटनायक की विदाई और राज्य में नए सरकार के गठन का रास्ता साफ़ हो गया.
मध्य प्रदेश जिसे संघ और बीजेपी की प्रयोगशाला कहा जाता है वहाँ बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन किया और राज्य की सभी 29 सीटों पर 59% वोटों के साथ कमल खिलाने में कामयाब रही। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विदिशा सीट से भरी मतों से विजयी रहे इसके साथ ही गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया भी भारी अंतर से चुनाव जितने में कामयाब रहे। प्रधानमंत्री मोदी के गृह राज्य गुजरात से भी बीजेपी के लिए अच्छी खबर आयी और बीजेपी को राज्य की 26 लोकसभा सीटों में से 25 सीटों पर सफलता मिली । गांधीनगर लोकसभा सीट से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भारी मतों से चुनाव जीतने में सफल हुए तो वही राज्य की बनासकांठा सीट कांग्रेस के खाते में गई.
उत्तराखंड, हिमाचल, दिल्ली में जहाँ बीजेपी ने क्लीनस्वीप किया तो वही छत्तीसगढ़ में भी बीजेपी 11 में से 10 सीटों पर सफल रही। तेलंगाना में बीजेपी अपने पुराने स्कोर को डबल तो वही केरल में अपना खाता खोलने में कामयाब रही। जनता से मिले आदेश से साफ़ है की अब केंद्र में एक मिली-जुली सरकार बनेगी और वो सरकार किस तरह काम करती है इस पर आने वाले समय में सबकी नजर बनी रहेगी.