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पश्चिम बंगाल सरकार ने डॉक्टरों के सामूहिक इस्तीफे को बताया अवैध

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य संचालित अस्पतालों के डॉक्टरों के सामूहिक इस्तीफे को खारिज कर दिया है। सरकार का कहना है कि सेवा नियमों के अनुसार सामूहिक इस्तीफा मान्य नहीं है, और इसे व्यक्तिगत रूप से प्रस्तुत करना होगा। यह निर्णय तब आया जब राज्य के कई डॉक्टरों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा देकर अपनी नाराजगी जाहिर की थी।

राज्य सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा कि डॉक्टरों द्वारा सामूहिक रूप से इस्तीफा देना सेवा नियमों के तहत वैध नहीं है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, सेवा नियमों के तहत किसी भी कर्मचारी को व्यक्तिगत रूप से अपना इस्तीफा देना होगा। उन्होंने कहा कि इस्तीफे को मान्य करने के लिए डॉक्टरों को इसे व्यक्तिगत रूप से प्रस्तुत करना होगा, न कि समूह में।

डॉक्टरों का यह सामूहिक इस्तीफा कुछ हालिया घटनाओं और स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने की कठिन परिस्थितियों को लेकर उनके असंतोष का परिणाम माना जा रहा है। डॉक्टरों ने राज्य में चिकित्सा कर्मचारियों पर बढ़ते दबाव और उनके साथ हो रहे दुर्व्यवहार का हवाला देते हुए यह कदम उठाया। उनका कहना है कि उन्हें कार्यस्थल पर पर्याप्त सुरक्षा और सुविधाएं नहीं मिल रही हैं, जिससे उनका काम करना मुश्किल हो रहा है।पश्चिम बंगाल सरकार ने डॉक्टरों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए बातचीत के लिए कदम उठाए हैं। सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि डॉक्टरों की मांगों और उनकी समस्याओं पर ध्यान दिया जाएगा, लेकिन सामूहिक इस्तीफे को स्वीकार नहीं किया जा सकता। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “हम डॉक्टरों की सुरक्षा और कार्य स्थितियों में सुधार के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन इस्तीफा सेवा नियमों के तहत व्यक्तिगत रूप से ही स्वीकार्य होगा।”

सरकारी सेवाओं में सामूहिक इस्तीफा देने की प्रक्रिया आमतौर पर अवैध मानी जाती है। सेवा नियमों के तहत, कोई भी सरकारी कर्मचारी अपनी व्यक्तिगत स्थिति के आधार पर इस्तीफा दे सकता है। सामूहिक इस्तीफा न केवल सेवा नियमों का उल्लंघन करता है, बल्कि यह चिकित्सा सेवाओं की निरंतरता को भी बाधित कर सकता है, जिससे आम जनता को गंभीर रूप से नुकसान हो सकता है।राज्य के अस्पतालों में डॉक्टरों के सामूहिक इस्तीफे से स्वास्थ्य सेवाओं पर भी असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है। मरीजों की देखभाल में आने वाली रुकावटें सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकती हैं। हालांकि, सरकार ने आश्वासन दिया है कि मरीजों को कोई असुविधा नहीं होने दी जाएगी और सभी अस्पताल सामान्य रूप से कार्य करते रहेंगे।

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