मध्य प्रदेश के कटनी जिले में पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया की मूर्ति को “आपत्तिजनक तरीके” से हटाए जाने को लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया है और अन्य अधिकारियों को शो-कॉज नोटिस जारी किए हैं। यह मामला जिले में राजमार्ग निर्माण कार्य के दौरान सामने आया, जब सिंधिया की मूर्ति को बिना उचित प्रक्रिया के हटाया गया, जिससे विवाद उठ गया।
एनएचएआई के सूत्रों के मुताबिक, कटनी जिले में जहां यह मूर्ति स्थापित थी, वहां एक नई सड़क परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण किया जा रहा था। अधिकारियों ने इस प्रक्रिया के तहत मूर्ति को हटाने का निर्णय लिया, लेकिन इसे हटाने के तरीके को लेकर स्थानीय समुदाय और नेताओं में असंतोष फैल गया। इसे “आपत्तिजनक” मानते हुए यह आरोप लगाया गया कि इस कार्य में श्रद्धा और सम्मान की कमी थी।
घटना के बाद, स्थानीय नेताओं और जनता ने इस निर्णय का विरोध किया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कदम पूर्व केंद्रीय मंत्री की इज्जत का अपमान करने वाला था। इसके बाद, NHAI ने मामले की जांच की और इसे लेकर गंभीर कदम उठाए।
NHAI ने दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया और अन्य अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया, जिसमें उनसे इस कार्रवाई की जवाबदेही मांगी गई है। अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने मूर्ति हटाने के दौरान उचित संवेदनशीलता और सम्मान का पालन नहीं किया।कटनी जिला प्रशासन और स्थानीय नेताओं ने इस मामले को राजनीतिक दृष्टिकोण से भी देखा। नेताओं ने कहा कि माधवराव सिंधिया का योगदान भारतीय राजनीति में अहम था, और उनकी मूर्ति का सम्मान किया जाना चाहिए था।