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साइडलाइन से हॉटस्पॉट तक: हूथी ड्रोन हमले के बाद बदलता इज़रायल

रमोन एयरपोर्ट पर हमला: घटनाक्रम और प्रतिक्रिया

यमन के हूथी विद्रोहियों द्वारा इज़रायल के रमोन एयरपोर्ट पर ड्रोन हमला केवल एक नई खबर नहीं, बल्कि बदलते क्षेत्रीय समीकरणों की गहरी तस्वीर भी है। यह हमला, जिसमें दो लोग घायल हुए और एयरपोर्ट कुछ घंटों के लिए बंद रहा, बता रहा है कि अब संघर्ष सिर्फ सीमाओं तक सीमित नहीं रहा तकनीक, सामरिक इच्छाओं और क्षेत्रीय गठबंधनों ने इसे और जटिल, व्यापक और अस्थिर बना दिया है।

रमोन एयरपोर्ट दक्षिणी इज़रायल में है, जो अब तक मुख्य रूप से घरेलू उड़ानों के लिए चर्चित था और विदेशी पर्यटकों का भी पसंदीदा गंतव्य है। हूथी समूह, जो उत्तर यमन पर नियंत्रण रखता है और अपनी कार्रवाइयों को फिलिस्तीन के पक्ष में बता रहा है, ने आठ ड्रोन दागने का दावा किया जिनमें से एक सीधे एयरपोर्ट के आगमन क्षेत्र में जा पहुँचा, जिससे तात्कालिक रूप से एयरस्पेस सील व फ्लाइट्स स्थगित करनी पड़ी। घायल हुए लोगों को हल्की चोटें आईं, लेकिन घटना ने इज़रायल के एयर डिफेंस सिस्टम की सीमाओं को उजागर कर दिया।

हूथी कई महीनों से इज़रायल की ओर मिसाइल और ड्रोन भेज रहे हैं, लेकिन रमोन एयरपोर्ट पर सीधा हमला ‘खास’ इसलिए है क्योंकि यह यहुदी भूभाग की गहराई तक पहुँचने और इजरायली सुरक्षा घेरे को भेदने का प्रतीक है। इससे पहले मई में भी हूथी मिसाइल ने बेन गुरियन एयरपोर्ट के पास धमाका किया था, जिसके बाद कई अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स बंद करनी पड़ी थीं। इसके जवाब में इज़रायल द्वारा यमन पर कई बार हवाई हमले किए गए, हाल ही में वहाँ के प्रधानमंत्री समेत कई शीर्ष हूथी नेताओं की हत्या हुई। दोनों पक्षों के टकराव में अब आम नागरिक और बुनियादी ढाँचा, विशेषकर हवाई अड्डे, खतरे में आ गए हैं।

यह हमला दर्शाता है कि संघर्ष अब केवल पारंपरिक मोर्चों तक सीमित नहीं है; नए समीकरणों, तकनीकी-कौशल और क्षेत्रीय सरोकारों के कारण युद्ध का भूगोल बहुत व्यापक हो गया है। हूथी अब सिर्फ यमन या रेड सी तक ही सीमित नहीं रहे वे फिलिस्तीन के लिए अपनी भूमिका को और आगे ले जाने का दावा कर रहे हैं, जिससे इज़रायल के नागरिक स्थान भी अब प्रत्यक्ष युद्धक्षेत्र बन गए हैं।

इस घटनाक्रम से इज़रायल की आंतरिक सुरक्षा चुनौती और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसके आलोचक दोनों बढ़ेंगे। क्षेत्रीय गठजोड़ और सीमा पार मिलिशिया के बीच समन्वय से खतरे का दायरा और जटिल हो सकता है. दूसरी ओर, हूथी प्रवक्ता खुलेआम आगे भी बड़ी कार्रवाई की चेतावनी दे रहे हैं साफ है कि इज़रायल के पोर्ट, एयरपोर्ट और तटीय इलाकों पर बार-बार हमले हो सकते हैं।

इस तरह के हमले केवल सैन्य संदेश नहीं, बल्कि सिविलियन, पर्यटन और अंतरराष्ट्रीय उड्डयन पर भी सीधा प्रभाव डालते हैं। एकाएक फ्लाइट्स रद्द होना, सायरनों का बजना और हवाई अड्डों पर डर की फिजा, यह बताता है कि युद्ध अब नागरिक जीवन की दिनचर्या को खोलकर निशाने पर ले आया है। रेड सी और मिस्र-जॉर्डन सीमांत इलाकों का जो रणनीतिक महत्व है, वह अब और गहरा हो गया है क्योंकि व्यापारिक जहाज, एयरलाइंस और टूरिज्म लगातार असुरक्षा की जद में आ रहे हैं।

रमोन एयरपोर्ट पर हुआ यह ड्रोन हमला एक संकेत है कि पश्चिम एशिया में तनाव अब सिर्फ एक देश या सीमा पर नहीं रुकेगा। आज, राजनीतिक टकराव, तकनीकी विकास और क्षेत्रीय गठज़ोड़ मिलकर युद्ध को ‘साइडलाइन’ से ‘हॉटस्पॉट’ में तब्दील कर रहे हैं। इज़रायल और उसके पड़ोसियों के लिए इस नई स्थिति में दीर्घकालिक रणनीति, व्यापक नागरिक सुरक्षा और सतत कूटनीतिक संवाद की ज़रूरत पहले से कहीं अधिक है।

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