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लीड्स टेस्ट में शतक के साथ यशस्वी जायसवाल ने रचा इतिहास, इंग्लैंड-ऑस्ट्रेलिया में दोहरा कारनामा करने वाले पहले विदेशी बल्लेबाज़ बने

शतक में दिखी परिपक्वता और संतुलित आक्रामकता

भारत के युवा सलामी बल्लेबाज़ यशस्वी जायसवाल ने शुक्रवार को लीड्स टेस्ट (Headingley) के पहले दिन अपने करियर का पांचवां टेस्ट शतक जड़ते हुए एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। इस शानदार प्रदर्शन के साथ वे ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में अपने पहले ही टेस्ट में शतक लगाने वाले पहले विदेशी खिलाड़ी बन गए हैं।

यशस्वी की इस पारी में वही आत्मविश्वास, तकनीकी ठहराव और नियंत्रित आक्रामकता देखने को मिली जिसने उन्हें पहले ही टेस्ट करियर में विदेशी सरजमीं पर खतरनाक बल्लेबाज़ों की सूची में शामिल कर दिया है। उन्होंने तेज़ गेंदबाज़ों की स्विंग और सीम का डटकर सामना करते हुए रनों की रफ्तार भी बनाए रखी।

यशस्वी जायसवाल अब पहले ऐसे विदेशी बल्लेबाज़ बन चुके हैं जिन्होंने अपने डेब्यू इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया दोनों में ही टेस्ट शतक जड़े हैं। यह उपलब्धि क्रिकेट के इतिहास में बेहद कम देखने को मिलती है, क्योंकि इन दोनों देशों की पिचें और परिस्थितियां बल्लेबाज़ों के लिए कठिन मानी जाती हैं।

इस ऐतिहासिक उपलब्धि के साथ यशस्वी ने अपने नाम को न केवल टीम इंडिया के भविष्य के स्तंभ के रूप में स्थापित किया है, बल्कि यह संकेत भी दिया है कि वह बड़े मंच के खिलाड़ी हैं।

लीड्स टेस्ट के पहले दिन यशस्वी की पारी ने टीम इंडिया को मजबूत शुरुआत दी। उन्होंने नई गेंद से जूझते हुए पहले पिच को पढ़ा, फिर जैसे-जैसे पारी आगे बढ़ी, उन्होंने अपने शॉट्स का दायरा बढ़ाया। उनकी पारी ने ड्रेसिंग रूम में भरोसा और विपक्षी खेमे में दबाव दोनों पैदा कर दिया।

जैसे ही यशस्वी ने अपना शतक पूरा किया, सोशल मीडिया पर क्रिकेट प्रेमियों, पूर्व खिलाड़ियों और विशेषज्ञों ने उनकी जमकर सराहना की। कई दिग्गजों ने उन्हें “क्रिकेट का अगला सुपरस्टार” बताया।यशस्वी जायसवाल का यह शतक केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह उस नई भारतीय टेस्ट पीढ़ी की कहानी है जो विदेशी ज़मीं पर भी आत्मविश्वास के साथ खेल सकती है और रिकॉर्ड बुक में अपना नाम दर्ज करा सकती है।

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