
विश्व प्रसिद्ध अंबुबाची मेला 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं, और इस अवसर पर गुवाहाटी पुलिस ने सोमवार को श्रद्धालुओं की सुरक्षा, धार्मिक गरिमा और मेले के सुव्यवस्थित संचालन के लिए एक विस्तृत दिशा-निर्देश (गाइडलाइंस) जारी की है।यह चार दिवसीय धार्मिक आयोजन 22 जून से 25 जून तक चलेगा, और इस दौरान कामाख्या मंदिर, जो नीलाचल पहाड़ियों पर स्थित है, देश-विदेश से लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बनेगा।
गुवाहाटी पुलिस ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे भीड़भाड़ से बचें, प्रवेश और निकास के तय मार्गों का पालन करें, और किसी भी अफवाह या अफरा-तफरी से बचते हुए शांति बनाए रखें।पुलिस आयुक्त ने बताया कि मेले के दौरान अतिरिक्त सुरक्षा बल, सीसीटीवी निगरानी, ड्रोन कैमरे, और क्यूआर कोड आधारित सहायता केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे।
गुवाहाटी ट्रैफिक पुलिस ने मंदिर की ओर जाने वाले मार्गों पर विशेष यातायात योजना लागू की है।निजी वाहनों की मंदिर की ओर जाने की अनुमति नहीं होगी।श्रद्धालुओं के लिए विशेष शटल बसें, ई-रिक्शा, और पैदल मार्ग निर्धारित किए गए हैं।पार्किंग के लिए अलग-अलग ज़ोन तय किए गए हैं, जहां से बसें श्रद्धालुओं को मंदिर के नजदीक छोड़ेंगी।
मेले में भारी भीड़ को देखते हुए राज्य स्वास्थ्य विभाग ने भी व्यापक तैयारियां की हैं:मंदिर परिसर और प्रमुख स्थलों पर मोबाइल मेडिकल यूनिट और फर्स्ट एड कैंप तैनात रहेंगे।24 घंटे एंबुलेंस सेवा और आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर भी सक्रिय रहेंगे।गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज और अन्य अस्पतालों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
नगर निगम और अन्य विभागों के सहयोग से मंदिर परिसर और उसके आसपास के क्षेत्र मेंसाफ-सफाई की विशेष व्यवस्थाअस्थायी शौचालय, जल आपूर्ति केंद्र, और श्रद्धालु विश्राम शिविर की स्थापना, स्वच्छता कार्यकर्ता और स्वयंसेवक दल हर समय तैनात रहेंगे।
अंबुबाची मेला को “पूर्व का तंत्र महाकुंभ” कहा जाता है। यह मेला कामाख्या देवी के मासिक ऋतु काल के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जब मंदिर के पट कुछ समय के लिए बंद रहते हैं। यह आयोजन स्त्रीत्व, शक्ति और प्रकृति की पूजा का प्रतीक है और देश-विदेश से साधु-संत, तांत्रिक, पर्यटक और श्रद्धालु इसमें शामिल होते हैं।
गुवाहाटी प्रशासन, पुलिस और धार्मिक संस्थाएं मिलकर अंबुबाची मेला 2025 को सफल और सुरक्षित बनाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही हैं। श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे दिशा-निर्देशों का पालन करें, सहयोग करें और इस आध्यात्मिक यात्रा को शांति और श्रद्धा के साथ पूर्ण करें।