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प्राजक्ता कोली बनीं ‘टाइम 100 क्रिएटर्स 2025’ सूची में जगह पाने वाली एकमात्र भारतीय यूट्यूबर

एक साधारण शुरुआत से विश्व पहचान तक

भारत की लोकप्रिय यूट्यूबर और कंटेंट क्रिएटर प्राजक्ता कोली, जिन्हें इंटरनेट पर ‘MostlySane’ के नाम से जाना जाता है, ने एक और बड़ी उपलब्धि अपने नाम की है। प्राजक्ता कोली को प्रतिष्ठित ‘TIME 100 Creators 2025’ सूची में शामिल किया गया है। खास बात यह है कि वह इस सूची में जगह पाने वाली भारत की एकमात्र क्रिएटर हैं।

TIME मैगज़ीन की इस पहली ‘क्रिएटर्स’ सूची में दुनिया भर के उन डिजिटल क्रिएटर्स को शामिल किया गया है जिन्होंने इंटरनेट पर अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई है और समाज पर सकारात्मक प्रभाव डाला है। इस सूची में प्राजक्ता के साथ अमेरिका के मशहूर यूट्यूबर MrBeast (जिमी डोनाल्डसन), प्रेरणादायक वक्ता मेल रॉबिंस, और अन्य अंतरराष्ट्रीय हस्तियां भी शामिल हैं।

इस उपलब्धि की जानकारी मिलते ही प्राजक्ता ने एक भावुक इंस्टाग्राम पोस्ट साझा किया, जिसमें उन्होंने अपने प्रशंसकों, परिवार और टीम का आभार व्यक्त किया। उन्होंने लिखा:

“इस समय मेरे दिल में बहुत कुछ चल रहा है, और कहने को भी बहुत कुछ है। लेकिन सच कहूं तो, इस पल में सिर्फ दो शब्द ज़हन में आ रहे हैं – थैंक यू।”

“मेरे दर्शकों को धन्यवाद – हमेशा साथ देने के लिए, विश्वास करने के लिए और जुड़े रहने के लिए। मेरे परिवार को धन्यवाद – हर उलझे और जादुई पल में मेरे साथ खड़े रहने के लिए। मेरी टीम को धन्यवाद – मेरी ताकत बनने के लिए। और उस 21 साल की प्राजक्ता को भी धन्यवाद, जिसने बिना किसी योजना, बिना तैयारी, बिना नक्शे के सिर्फ दिल, भावना और कहानियों के प्यार के साथ इस सफर की शुरुआत की।”

प्राजक्ता कोली ने अपने करियर की शुरुआत यूट्यूब पर हास्य और सामाजिक टिप्पणियों वाले वीडियो बनाकर की थी। उन्होंने जल्द ही ‘MostlySane’ के नाम से एक वफादार दर्शक वर्ग बना लिया। उनका कंटेंट relatable, संवेदनशील और प्रेरणादायक माना जाता है, खासकर युवा दर्शकों के बीच।

प्राजक्ता ने अभिनय में भी कदम रखा और नेटफ्लिक्स की वेब सीरीज़ ‘Mismatched’ में अपनी भूमिका के लिए खूब सराहना बटोरी। इसके साथ ही वह संयुक्त राष्ट्र की यूथ क्लाइमेट चैंपियन भी रही हैं, और शिक्षा, मानसिक स्वास्थ्य एवं जलवायु परिवर्तन जैसे विषयों पर सक्रिय रूप से काम करती रही हैं।

भारत के डिजिटल स्पेस में प्राजक्ता की यह उपलब्धि न केवल कंटेंट क्रिएटर्स बल्कि उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत है जो बिना संसाधनों के भी अपने जुनून को दुनिया के सामने लाने का सपना देखते हैं। उनकी यह अंतरराष्ट्रीय पहचान भारत की रचनात्मक शक्ति और युवाओं की आवाज़ को दुनिया तक पहुंचाने का प्रतीक बन गई है।

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