शृष्टि रोंगपीपी बनीं ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में प्रवेश पाने वाली पहली करबी छात्रा, पूरे पूर्वोत्तर भारत में खुशी की लहर
करबी समुदाय और असम के लिए गर्व का क्षण

पूर्वोत्तर भारत और विशेष रूप से करबी समुदाय के लिए यह एक ऐतिहासिक और गौरवपूर्ण क्षण है, जब असम की शृष्टि रोंगपीपी ने विश्व प्रसिद्ध ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में प्रवेश पाकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। शृष्टि को MSc in Evidence-Based Social Intervention and Policy Evaluation कार्यक्रम में प्रवेश मिला है, जिससे वह ऑक्सफोर्ड में प्रवेश पाने वाली पहली करबी छात्रा बन गई हैं।
यह कार्यक्रम ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के डिपार्टमेंट ऑफ सोशल पॉलिसी एंड इंटरवेंशन द्वारा संचालित किया जाता है, जिसे Times Higher Education 2025 द्वारा दुनिया में #1 और QS World Rankings में #3 स्थान प्राप्त है। इस प्रतिष्ठित पाठ्यक्रम में प्रवेश पाना अत्यंत चुनौतीपूर्ण माना जाता है, जहां पूरी दुनिया से अत्यधिक प्रतिभाशाली छात्र आवेदन करते हैं।
शृष्टि रोंगपीपी की इस ऐतिहासिक उपलब्धि से करबी आंगलोंग, असम और पूरे पूर्वोत्तर भारत में गर्व और उत्साह की लहर है। यह न केवल उनके व्यक्तिगत परिश्रम और प्रतिभा का प्रतीक है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारत के सुदूर और आदिवासी क्षेत्रों से भी विश्वस्तरीय प्रतिभाएं उभरकर सामने आ रही हैं।
ऑक्सफोर्ड का यह कार्यक्रम सामाजिक हस्तक्षेप, नीतियों के प्रभाव मूल्यांकन और समाज की कमजोर वर्गों के उत्थान पर केंद्रित है। शृष्टि की इस क्षेत्र में रुचि यह स्पष्ट करती है कि वह केवल अकादमिक सफलता तक सीमित नहीं रहना चाहतीं, बल्कि समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने की इच्छाशक्ति भी रखती हैं।
उनका कहना है:
“मैं इस डिग्री का उपयोग अपने समुदाय और अन्य हाशिए पर पड़े समूहों की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए करना चाहती हूं। यह अवसर मेरे लिए केवल शैक्षणिक उपलब्धि नहीं, बल्कि एक सामाजिक जिम्मेदारी है।”
शृष्टि की इस उपलब्धि ने कई युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनने का कार्य किया है, खासकर पूर्वोत्तर भारत की युवतियों के लिए। वह यह संदेश देती हैं कि कठिन परिश्रम, लगन और उद्देश्य के साथ कोई भी विश्वस्तर पर अपनी पहचान बना सकता है, चाहे वह देश के किसी भी कोने से क्यों न हो।
शृष्टि के परिवार, शिक्षकों और समुदाय के नेताओं ने उनकी इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर की है। उनके एक शिक्षक ने कहा:
“शृष्टि हमेशा से ही मेधावी रही हैं, लेकिन उनका समाज के प्रति समर्पण और बदलाव लाने की सोच उन्हें औरों से अलग बनाती है।”