इतिहास रचते हुए बिजॉय ए. संगमा बने बैपटिस्ट वर्ल्ड अलायंस मानवाधिकार, शांति और पुनर्समाधान आयोग के पहले भारतीय अध्यक्ष
वैश्विक मंच पर भारत की आवाज़

भारत के लिए एक गौरवपूर्ण क्षण सामने आया है, जब बिजॉय ए. संगमा को बैपटिस्ट वर्ल्ड अलायंस (Baptist World Alliance – BWA) के मानवाधिकार, शांति निर्माण और पुनर्समाधान आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। वे इस प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय पद को संभालने वाले पहले भारतीय बन गए हैं।
यह ऐलान ऑस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन में आयोजित 23वें बैपटिस्ट वर्ल्ड कांग्रेस के दौरान किया गया, जिसमें 130 देशों से आए 4,000 से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
बैपटिस्ट वर्ल्ड अलायंस, जो कि एक अंतरराष्ट्रीय ईसाई संस्था है, वैश्विक स्तर पर मानवाधिकार, शांति और सामाजिक न्याय के मुद्दों पर काम करती है। बिजॉय संगमा की इस नियुक्ति से भारत को न केवल एक प्रमुख वैश्विक धार्मिक मंच पर नेतृत्व का अवसर मिला है, बल्कि यह भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र से आने वाले व्यक्ति की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृति का भी प्रतीक है।
बिजॉय ए. संगमा मेघालय राज्य के निवासी हैं और वर्षों से शांति और सामाजिक समरसता के क्षेत्र में सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। उनकी नियुक्ति ने न केवल भारत, बल्कि विशेष रूप से पूर्वोत्तर भारत के लिए गर्व और प्रेरणा का कारण बना है।उनकी विचारशीलता, नेतृत्व क्षमता और समुदायों के बीच संवाद स्थापित करने की क्षमता ने उन्हें इस महत्वपूर्ण भूमिका के लिए उपयुक्त बनाया है।
अपनी नियुक्ति पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बिजॉय संगमा ने कहा:
“यह न केवल मेरे लिए, बल्कि भारत और समूचे एशियाई बैपटिस्ट समुदाय के लिए एक सम्मान की बात है। मैं इस भूमिका को एक सेतु के रूप में देखता हूं, जो दुनियाभर में शांति और न्याय को बढ़ावा देने में योगदान देगा।”
मानवाधिकार, शांति निर्माण और पुनर्समाधान आयोग का उद्देश्य विश्वभर में संघर्षों, सामाजिक भेदभाव, धार्मिक उत्पीड़न और असमानता से प्रभावित समुदायों के लिए समाधान ढूंढना है। यह आयोग नीति-निर्माण, संवाद, सामुदायिक सशक्तिकरण और न्यायिक हस्तक्षेप जैसे क्षेत्रों में काम करता है।
बिजॉय संगमा की अगुवाई में, उम्मीद की जा रही है कि आयोग अधिक प्रभावशाली और समावेशी रणनीतियों के साथ आगे बढ़ेगा, जो विकासशील देशों और हाशिए पर रह रहे समुदायों की आवाज़ को प्रमुखता देगा।