आईपीओ का जुनून: क्या रिटेल निवेशक ‘हाइप’ में बह रहे हैं?
भारत में आईपीओ मार्केट का नया ट्रेंड

भारत में आईपीओ को लेकर जिस तरह की दीवानगी देखी जा रही है, वह साफ बताती है कि खुदरा निवेशकों के बीच शेयर बाजार को लेकर उत्साह और आकर्षण चरम पर है। लेकिन, क्या यह लहर सही समझदारी के साथ उठ रही है, या भावनाओं और त्वरित मुनाफे की उम्मीद के चलते निवेशक बिना पूरी पड़ताल के पैसा लगा रहे हैं?
अब छोटी से बड़ी कंपनियां, नए-पुराने ब्रांड और टेक स्टार्टअप अपना आईपीओ पेश कर रहे हैं। 2025 के शुरुआती छह महीनों में रिकॉर्ड आईपीओ लॉन्च हुए और खुदरा निवेशकों की भागीदारी में भी बड़ी उछाल दिखी है। सिर्फ महानगर ही नहीं, छोटे शहरों और कस्बों से भी आवेदन तेजी से बढ़े हैं। डिजिटल प्लेटफार्मों के कारण डीमैट अकाउंट खोलना और आईपीओ में पैसा लगाना बेहद सरल हो गया है।
पिछले कुछ वर्षों में कई आईपीओ ने लिस्टिंग के दिन ही शानदार रिटर्न दिए हैं, जिससे ‘आसान कमाई’ का आकर्षण बढ़ा है। सभी बैंकिंग या फिनटेक ऐप्स पर आईपीओ के लिए आसान आवेदन प्रक्रिया, UPI की सुविधा और कड़े रेगुलेशन से निवेशकों को पारदर्शिता का एहसास भी होता है। यूट्यूब, सोशल मीडिया और न्यूज चैनल्स पर ‘आईपीओ टिप्स’ लगातार चर्चा में रहते हैं।
हालांकि, सब कुछ इतना आसान भी नहीं। कई बार ओवर-सब्सक्रिप्शन की वजह से एलॉटमेंट नहीं मिलता, तो कुछ मामलों में लिस्टिंग के बाद कई शेयरों की कीमतें गिरना शुरू हो जाती हैं। कंपनियों के वैल्यूएशन, बिजनेस मॉडल या फंड की ज़रूरत पर गहराई से ग़ौर किए बिना भीड़ के पीछे भागने की प्रवृत्ति बढ़ी है। रिसर्च की जगह सोशल मीडिया सलाह पर भरोसा करना, और लॉन्ग टर्म पर न सोचकर सिर्फ त्वरित मुनाफे की चाह, नुकसान का कारण बनती है।
आईपीओ में निवेश से पहले कंपनी की फंडामेंटल्स, प्रदर्शन और प्रचार-वास्तविकता को जांचें। लिस्टिंग डे के प्रॉफिट को ही सबकुछ न मानकर, लॉन्ग टर्म की संभावना भी देखें। पोर्टफोलियो में विविधता बनाए रखें सिर्फ आईपीओ पर निर्भर न रहें। फडामेंटल रिसर्च करें, और किसी भी प्रचार या हाइप के आगे आंखें मूंदकर न छलांग लगाएं।
आईपीओ मार्केट निश्चित रूप से भारतीय निवेश संस्कृति में नई जान फूंक रहा है, लेकिन सावधानी, ज्ञान और लॉन्ग टर्म दृष्टि के बिना यह रास्ता जोखिम से भरा भी है। भीड़ के साथ चलने से अच्छा है कि निवेशक सीखें, सोचें, शोध करें और तभी निवेश करें ताकि मुनाफा भी टिकाऊ हो और अनुभव भी सकारात्मक।