मणिपुर के ट्विलांग क्षेत्र में CRPF की ‘नशा मुक्त भारत’ मुहिम ने युवाओं में भरा जोश, 150 से अधिक ग्रामीणों ने लिया भाग
युवाओं से की गई नशा छोड़ने की अपील

नशे के खिलाफ देशभर में चल रही मुहिम को एक नई दिशा देते हुए केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF) की 112वीं बटालियन की ई कंपनी ने मणिपुर के कांगपोकपी ज़िले के ट्विलांग क्षेत्र में ‘नशा मुक्त भारत’ अभियान के अंतर्गत एक एक दिवसीय युवा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया।
यह आयोजन Gelnel Higher Secondary School, IT रोड पर संपन्न हुआ, जिसमें 150 से अधिक ग्रामीणों और युवाओं ने सक्रिय रूप से भाग लिया। यह भारी भागीदारी यह दर्शाती है कि स्थानीय समुदाय नशे की बढ़ती समस्या को लेकर गंभीर है और इसका समाधान खोजने के लिए एकजुट हो रहा है।
इस अवसर पर 112वीं बटालियन के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. उमाशंकर वर्मा ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित किया। उन्होंने कहा:”यदि हमारे युवा नशे की चपेट में आ गए, तो हम अपना भविष्य और ताकत दोनों खो देंगे।”
उन्होंने युवाओं को नशे और अवैध अफीम की खेती के खिलाफ ‘चेतना के वाहक’ बनने का आह्वान किया और बताया कि नशा न केवल व्यक्तिगत जीवन को तबाह करता है, बल्कि पूरे परिवार और समाज को भी प्रभावित करता है।
कार्यक्रम के दौरान नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर भी लगाया गया, जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने हिस्सा लिया। इस दौरान स्थानीय निवासियों को स्वास्थ्य परामर्श और आवश्यक दवाएं दी गईं। यह शिविर खासकर उन ग्रामीण इलाकों के लिए बेहद उपयोगी रहा, जहां स्वास्थ्य सेवाएं सामान्यतः सीमित होती हैं।
इस कार्यक्रम की खास बात यह रही कि इसमें केवल युवा ही नहीं, बल्कि स्थानीय बुजुर्ग, महिलाएं और समाज के अन्य वर्गों ने भी भाग लिया। ग्रामीणों ने CRPF की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह की जागरूकता से लोगों को सही दिशा मिलती है।
एक स्थानीय छात्रा ने कहा:”पहली बार हमने इतनी साफ-सुथरी और प्रेरणादायक बातें नशा छोड़ने को लेकर सुनीं। अब हम गांव में अपने साथियों को भी जागरूक करेंगे।”
CRPF केवल सुरक्षा बल के रूप में ही नहीं, बल्कि एक सामाजिक जागरूकता संस्था के रूप में भी काम कर रही है। ‘नशा मुक्त भारत अभियान’ के तहत यह कार्यक्रम साबित करता है कि सुरक्षा बल देश के हर कोने में केवल शांति बनाए रखने में ही नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन की दिशा में भी अहम भूमिका निभा रहे हैं।