असम के बरपेटा जिले में ‘स्टॉप डायरिया अभियान 2025’ की शुरुआत, बच्चों में डायरिया से होने वाली मौतों को शून्य करने का लक्ष्य
समन्वित प्रयासों पर ज़ोर

असम के बरपेटा जिले ने बच्चों में डायरिया से होने वाली मौतों को पूरी तरह खत्म करने के उद्देश्य से ‘स्टॉप डायरिया अभियान – 2025’ की औपचारिक शुरुआत की है। इस जिला स्तरीय कार्यक्रम का उद्घाटन अतिरिक्त जिला आयुक्त (स्वास्थ्य) श्रीमती गीताश्री लचित की उपस्थिति में किया गया। यह अभियान अगस्त तक चलेगा और इसमें स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ विभिन्न सरकारी एवं गैर-सरकारी संस्थाएं मिलकर काम करेंगी।
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों को डायरिया से बचाना है। इसके तहत समन्वित प्रयास, जागरूकता अभियान, स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर पहुंच, और परिवारों को शिक्षित करने जैसे कदम उठाए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि बरपेटा में डायरिया से बच्चों की मौत की दर को शून्य करने का यह प्रयास पूरे राज्य के लिए एक उदाहरण बन सकता है।
कार्यक्रम में बोलते हुए श्रीमती गीताश्री लचित ने कहा:
“डायरिया एक रोके जा सकने वाला और इलाज योग्य रोग है। लेकिन जागरूकता की कमी और समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण यह बच्चों के लिए जानलेवा साबित होता है। स्टॉप डायरिया अभियान का उद्देश्य यही है कि लोगों तक सही जानकारी पहुंचे और वे सतर्क रहें।”
उन्होंने आगे बताया कि जिले में डायरिया से निपटने के लिए घर-घर जाकर ओआरएस और जिंक टैबलेट का वितरण, साफ-सफाई पर जागरूकता, और पानी की गुणवत्ता पर निगरानी जैसे कदम उठाए जाएंगे।
अभियान के तहत आशा कार्यकर्ताओं, आंगनबाड़ी सेविकाओं, स्कूलों, पंचायत सदस्यों और स्थानीय युवाओं को भी शामिल किया गया है ताकि हर गांव और बस्ती में यह संदेश पहुंचे। स्वास्थ्य कर्मियों को भी विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि वे किसी भी स्थिति में तत्काल मदद पहुंचा सकें।
एक स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया:
“हमारा लक्ष्य है कि कोई भी बच्चा डायरिया के कारण अपनी जान न गंवाए। इसके लिए समुदाय का सहयोग सबसे महत्वपूर्ण है।”
‘स्टॉप डायरिया अभियान’ के तहत जिले भर में स्कूलों, सामुदायिक केंद्रों और ग्राम सभाओं में जागरूकता शिविर आयोजित किए जाएंगे। इन शिविरों में लोगों को सिखाया जाएगा कि कैसे वे बच्चों को डायरिया से बचा सकते हैं, स्वच्छ पानी कैसे सुनिश्चित करें, और समय पर चिकित्सा सहायता कैसे प्राप्त करें।