electronicsports
-
ओपिनियन
ई-स्पोर्ट्स: कठिन अभ्यास, लम्बा स्क्रीन टाइम और ग्राइंडिंग कल्चर
कुछ दशक पहले तक खेलों का मतलब था मैदान, धूल-मिट्टी, चीख-पुकार, जज़्बा और पसीना। आज, वही जज़्बा हज़ारों मील दूर…
Read More »
कुछ दशक पहले तक खेलों का मतलब था मैदान, धूल-मिट्टी, चीख-पुकार, जज़्बा और पसीना। आज, वही जज़्बा हज़ारों मील दूर…
Read More »